देश में हो रहे लोकसभा चुनाव के दौरान वाराणसी लोकसभा में अध्यात्म गुरु श्री श्री रविशंकर के हो रहे कार्यक्रमों पर कांग्रेस ने सवाल खड़ा किया है। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने श्री श्री रविशंकर को पीएम मोदी का एजेंट बताते हुए कहा कि जब -जब लोकसभा का चुनाव होता है, उस दौरान वाराणसी में श्री श्री रविशंकर वाराणसी में कार्यकर्म करते है।
अजय राय ने दावा किया कि विकसित भारत कार्यक्रम के नाम पर श्री श्री रविशंकर एजेंट के रूप में काम कर रहे है। इससे पहले वह वर्ष 2014 और 2019 में वाराणसी पहुंच कार्यक्रम किया और अब जब 2024 में लोकसभा का चुनाव हो है, तो श्री श्री रविशंकर बनारस पहुंच कार्यक्रम कर रहे है।
कांग्रेस के नेता राहुल गांधी के द्वारा अमेठी की जगह रायबरेली से नामांकन किए जाने पर बीजेपी नेताओं द्वारा राहुल गांधी को रण छोड़ बताए जाने पर अजय राय ने बीजेपी नेताओं पर कटाक्ष किया। अजय राय ने बीजेपी नेताओं के बयान पर कहा कि बनारस , अमेठी और रायबरेली पर बीजेपी को हराया जाएगा। रण छोड़ दास राहुल गांधी नही बल्कि बीजेपी के नेता है, जो मैदान छोड़कर भाग जाते है।
आज लहुराबीर स्थित कैंप कार्यालय के निकट लोकसभा चुनाव कार्यालय का उद्घाटन कबीर मठ के महंत श्री प्रमोददास जी के करकमलों से सम्पन्न हुआ।
— Ajay Rai🇮🇳 (@kashikirai) May 4, 2024
काशी की धरती इस बार प्रवासी को हटाकर लोकतंत्र बचाने के लिए मतदान करेगी। pic.twitter.com/LVsiFteiRk
अमेठी के प्रत्याशी किशोरी लाल जमीनी नेता है, समृति ईरानी को बैग एंड बैगेज के साथ अमेठी से गोवा भेजेंगे। अजय राय ने कहा कि कांग्रेस की विरासत की सीट रायबरेली है, राहुल गांधी अपनी विरासत को मजबूती से संभाल रहे है। राहुल गांधी के लिए बीजेपी लो कुछ कहने की जरूरत नही है, राहुल गांधी अपनी विरासत को मजबूत कर रहे है।
वही उन्होंने बनारस को भी कांग्रेस की विरासत की सीट बताया, जबकि प्रियंका गांधी के चुनावी प्रचार को लेकर कहा कि वह इंडिया गठबंधन के समर्थन में चुनाव प्रचार कर मजबूत कर रही है। वाराणसी लोकसभा के प्रत्याशी एवम कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने बीजेपी पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं और समर्थको को प्रताड़ित करने का आरोप लगाया।
अपने केंद्रीय कार्यलाय का उद्घाटन समारोह के दौरान अजय राय ने कहा कि बीजेपी लगातार कांग्रेस समर्थक और कार्यकर्ताओं का उत्पीड़न कर रही है। अजय राय ने कहा कि जहां वाराणसी में कांग्रेस का जहां केंद्रीय कार्यालय खुलना था, वहां दबाव बनाकर कार्यालय नही खोलने दिया गया।
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